10 करोड़ जनता के अकाउंट में पैसे सीधे ट्रांसफर किए जा सकते हैं पैसे
नई दिल्ली@मालवा आजतक
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को दूर करने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। केंद्र इसके लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकता है। मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने यह जानकारी दी है। पहचान जाहिर न करने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अभी पैकेज को अंतिम रूप नहीं दिया है और इसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय, वित्त मंत्रालय तथा भारतीय रिजर्व बैंक के बीच बातचीत चल रही है।
सीधे खाते में ट्रांसफर होंगे पैसे
सूत्रों में से एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रोत्साहन पैकेज 2.3 लाख करोड़ रुपये तक का हो सकता है, हालांकि अंतिम आंकड़े को लेकर बातचीत जारी है। इस सप्ताह के अंत तक इसकी घोषणा हो सकती है। उन्होंने कहा कि इन पैसों का इस्तेमाल 10 करोड़ जनता के अकाउंट में पैसे सीधे ट्रांसफर करने और लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए बिजनस की मदद करने के लिए किया जा सकता है।
ज्यादा कर्ज ले सकती है सरकार
दोनों सूत्रों ने बताया कि सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर्ज में इजाफा कर सकती है। सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए 7.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए कहा गया था, हालांकि महंगाई बढ़ने के डर से पिछले एक दशक से आरबीआई ने ऐसा नहीं किया है। अधिकारी ने कहा, 'आरबीआई को दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह ही बॉन्ड खरीदना पड़ेगा।'
RBI की विशेष सुविधा का भी इस्तेमाल
उन्होंने बताया कि अगर नकदी की किल्लत हुई तो केंद्र सरकार आरबीआई की वेज-ऐंड-मिंस सुविधा का भी इस्तेमाल कर सकती है, जो केंद्रीय बैंक द्वारा राज्यों को दी जाने वाली ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी है। वित्त मंत्रालय ने हालांकि इस योजना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और आरबीआई ने भी रॉयटर्स के ई-मेल का जवाब नहीं दिया है।
इससे पहले कई कदम उठाए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को दूर करने के लिए सरकार जल्द ही एक पैकेज की घोषणा करेगी। इसके अलावा, रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन सहित कई सुविधाओं की घोषणा की गई है।