बैमोसम बारिश से किसानों के चेहरे पर छायी मायुसी


नीमच/मुकेश शर्मा की रिपोर्ट/मालवा आजतक


मालवा  मेवाड क्षेत्र  में अचानक हुई बैमोसम बारिश से किसानों के सामने आर्थिक संकट खडा हो गया है. अभी तक सभी फैसले  अच्छी दिखाई दे रही थी फसलो  को देख किसानों के चेहरे पर रोनक दिखाई दे रही थी. खरीब की फैसले  पूरी तरह चौपट होने के बाद रबि की फसलो  का उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद के साथ किसान खुश दिखाई दे रहा था. परंतु गुरूवार को रात को अचानक हुई बेमोसम बारिश एवं तेज हवा ने किसानो के सपने चकनाचूर कर दिये. बेमोसम बारिश से चना, मेथी, गेहूं, अळसी, इसबगोल  अफीम आदि में नुकसान हुआ. सबसे अधिक नुकसान अफीम व गेहूं में हुआ. बारिश के साथ तेज हवा से फसले  आडी गिर गयी जिससे उत्पादन में कमी होगी. आडी पडी फसले  का दाना छोटा रह जायेगा. एवं सही नही पकती.



अफीम की औसत के पड जायेंगे पट्टे
मालवा मेवाड क्षेत्र में किसानों के लिए  अफीम आर्थिक राहत देने वाली  खेती मानी जाती है. दूसरी फसलो  की तुलना में अफीम की खेती में कुछ ज़्‌यादा मुनाफा होता है. इस वर्ष अनुकुल  मोसम होने अफीम की फसलें  अच्छी खडी थी परंतु  बारिश एवं हवा से अफीम की फसले  में भारी नुकसान हुआ है. अफीम की फसले  आडी गिर गयी. जिससे डोडे में अफीम कम मार्जिन में निकलेगी एवं पोस्ता भी कम बैठेगा. ओर डोडे से अफीम निकाल ने में भी भारी दिक्कत होगी. किसानों को चिंता सताने ल गी है कि अफीम की औसत कहां से पूरी करेंगे. ऐसा ल गता है कि किसान अपनी किस्मत ही कुछ ऐसी लिखाकर आया कि उसके किस्मत में सुख तो होता ही नही  बस दुख ही दुख होता है. परंतु सरकार किसानों की पीडा कहां समझती है. चाहे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की. किसी को भी किसान की चिंता नहीं है.


गेहू का बंपर उत्पादन का था अनुमान
इस वर्ष बारिश अच्छी होने के कारण कुओं में पर्यात  पानी होेने से गेहूं का रकबा हर वर्ष की तुलना में अधिक है एवं मौसम अच्छा होने से गेहू की फसले  का उत्पादन बंपर होने का अनुमान लगाया जा रहा था. परंतु बेमोसम एवं तेज आंधी से गेहूं की फसले  में भारी नुकसान हो गया है. गेहूं आडे पड जाने से गेहूं का दाना सही नहीं पक पायेगा. जो गेहू पककर तैयार हो गये थे उनका दाना भी दागी हो जायेगा जिससे कम भाव मिलेगा.