इंदौर@मालवा आजतक
कोरोना वायरस का अभी तक किसी तरह का कोई प्रभावी इलाज उपलब्ध नही है । लेकिन इसे कुछ आयुर्वेद तरीकों से बचा जा सकता है । इस रोग के लक्षणों का वर्णन हमारी प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में दिया हुआ है जिसकी आयुर्वेद मे अनेक औषधियां उपलब्ध है । स्थानीय आयुष चिकित्सक वैद्य नरेंद्र सेठी ने बताया कि कोरोना वायरस से घबराने की आवश्यकता नहीं है । सावधानी संयमित आहार विहारऔर आयुर्वेद पद्धति से इससे बचा जा सकता है ।
वैद्य श्री सेठी ने बताया कि इस रोग में सबसे प्रमुख बात यह है कि यह वायरस उन लोगों को ज्यादा प्रभवित करता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है । अतः पीड़ित को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की औषधि भी साथ में देना चाहिए । आयुर्वेद में इसकी समुचित औषधियां उपलब्ध है । इसमे मुख्य रूप से यह औषधियां पीड़ित रोगी को दी जा सकती है
● गिलोय,चिरायता, कुटकी, तुलसी, पत्र,काली मिर्च, सोंठ,अडुसा ( वासा पत्र), और हल्दी । इन सबको समान भाग मात्रा में मिलाकर कूट कर यह 30 ग्राम दवा एक बड़े गिलास पानी में धीरे धीरे उबालें और चौथाई शेष बचने पर कपड़े से छान कर हल्का गर्म रहते पी लेवें । यह कोरोना वायरस सहित किसी भी प्रकार के संक्रमित ज्वर ,बुखार मलेरिया में अत्यंत उपयोगी है । इसे दिन में तीन से चार बार लेना है । स्वस्थ्य व्यक्ति बचाव की दृष्टि से दिन मे एक बार ले सकते हैं ।
● शरीर में रोगाणुओं (बैक्टीरिया) एवं विषाणुओं (वायरस) से लड़ने की स्वाभाविक शक्ति होती है। शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए संयमित आहार-विहार के साथ अनुशासित जीवनशैली जरूरी है । इसके लिए सुबह की धूप, पौष्टिक भोजन, समय का पाबंदी आवश्यक है। ऐसा करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और बीमारियां दूर भागेंगी ।
रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने के लिए इम्यू ऐड सिरप, रिनाइटल माल्ट अथवा च्यवनप्राश लेना चाहिए ।
● खांसी और सर्दी होने पर सितोपलादि चूर्ण को शहद या चासनी से दो- दो ग्राम तीन बार चाटना चाहिए ।
● संजीवनी वटी, सुदर्शन घन वटी और टाइफमाल की एक एक गोली दिन मे दो बार गर्म पानी से देवें ।
● खादिरादी वटी, लवंगादी वटी, या मरिच्यादि वटी मे से कोई एक प्रकार की गोली चार छह बार चूसनी है ।
● आयुर्वेद शास्त्रों में वायरस के इन लक्षणों पर वसाका (अडूसा) को बहुत लाभकारी बताया गया है । अतः जिसमे वसाका मिश्रण हो वह रोगी के लिये उपयोगी है । इसके लिए कास कफ सीरप,वसाका,अथवा वासकासव ले सकते हैं ।
● पीड़ित व्यक्ति को कब्ज नही रहना चाहिए । अगर रहती हो तो पंचसकार चूर्ण अथवा करकादी चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा रात को एक बार गुनगुने जल से अल्टरनेट डे देना चाहिए ।
● भोजन में हल्का और सुपाच्य शाकाहारी भोजन करना चाहिए । हरी सब्जियां अच्छी तरह से बॉईल करके उपयोग में लें कच्ची न खाऐं । किसी भी तरह के मांसाहार का पूर्ण रूप से त्याग करें । गरिष्ठ और मिर्च मसालेदार भोजन, अधिक वसा युक्त वस्तुए दूध,घी तेल और और बासी भोजन से बचे ।
● कोरोना वायरस गर्मी से निष्क्रिय हो जाता है, अतः ठंडे वातावरण और ठंडी वस्तुओ से बचाव रखें । जूस, मिल्क शेक बर्फ जैसी वस्तुओ को अवाइड करें।
● ज्यादा भीड़ भाड़ में जाने से बचें । सीधे किसी को स्पर्श न करें । हाथ जोड़कर दूर से ही अभिवादन करे ।
● खुश्की होने पर देशी घी अथवा खोपरे का तेल नाक के अंदर अंगुली से लगाएं । विक्स, फिटकरी अथवा नमक का भाप भी ले सकते हैं । नांक पर वायरस रोधी मास्क लगाकर रखें ।
● स्वच्छता का पूर्ण ध्यान रखें । आंख,नाक में उंगली न करें । सेनिटाइजर का उपयोग करें या बार बार हाथ धोते रहें । खूब पानी पिएं
● यात्राएं ना करें जरूरी हो तो एहतियातन मास्क लगाएं । सुरक्षा ही बचाव है इसलिए सावधानियां रखें और स्वस्थ रहें ।